ABC NEWS: ( भूपेंद्र तिवारी ) उप्र में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामलों को देखते हुए सरकार की ओर से प्रदेश के सभी जिलों में माकड्रिल करके स्वास्थ्य सेवाओं की हकीकत को जांचा गया. स्वास्थ्य विभाग की टीम ने आक्सीजन और बेडों की क्षमता के साथ अचानक आने वाले केसों में डाक्टरों की सक्रियता के लिए माकड्रिल कराई. इसमें लखनऊ के अपर निदेशक डा. जीएस बाजपेई और उनकी टीम के सदस्यों ने आइसीयू के अत्याधुनिक उपकरणों की सक्रियता और आक्सीजन क्षमता का आंकलन किया। शनिवार को रामादेवी स्थित मान्यवर कांशीराम चिकित्सालय में माकड्रिल के दौरान दोपहर को अचानक एंबुलेंस से एक मरीज को इमरजेंसी में पहुंचाया लाया गया जहां पर डाक्टरों की टीम ने एंबुलेंस से उतरते ही आक्सीजन सिलिंडर लगाकर मरीज को आइसीयू में पहुंचाया.
पहले से तैयार वेंटिलेटर में मरीज को ले जाकर डाक्टरों की टीम ने आक्सीजन स्तर और पल्स की जांच की. इस माकड्रिल को देखकर अस्पताल में मौजूद मरीजों को लगा कि कोई बेहद गंभीर मरीज आया है. जिसका उपचार चल रहा है परंतु बाद में उन्हें पता चलता है कि यह स्वास्थ्य सेवाओं की हकीकत को परखने के लिए आयोजित की माकड्रिल का दृश्य था. माकड्रिल में प्रमुख रूप से शामिल लखनऊ के अपर निदेशक डा. जीएस बाजपेई ने वेंटिलेटर पर रखे गए मरीज के आक्सीजन स्तर पल्स सहित अन्य गतिविधियों को देखा. उन्होंने अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. स्वदेश गुप्ता को निर्देशित किया कि सप्ताह में एक दिन आइसीयू में सभी मशीनों को चलाकर देखा जाए और अस्पताल में आने वाले मरीजों को इसका लाभ दिया जाए. उन्होंने बताया कि सरकारी अस्पतालों में प्राइवेट से बेहतर सुविधाएं होती हैं बस उनको प्राथमिकता पर देने की पहल की जाए तो मरीजों की जान बचाई जा सकेगी. इससे अत्याधुनिक मशीनों की सही स्थिति भी पता चलती रहेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में करुणा के मामले बढ़ जरूर रहे परंतु स्वास्थ्य विभाग की सतर्कता और टेस्टिंग तथा ट्रेनिंग के जरिए इस पर नियंत्रण किया जा रहा है.
हैलट अस्पताल में भी हुआ माकड्रिल- स्वास्थ्य विभाग की टीम ने एलएलआर अस्पताल (हैलट) में माकड्रिल कर कोरोना के लिए आरक्षित वार्ड और उपकरणों की जांच की। प्राचार्य प्रो. संजय काला ने बताया कि एलटू सेवाओं को प्राथमिकता देते हुए माकड्रिल का आयोजन किया गया है. इसमें सभी उपकरणों की जांच कर आक्सीजन क्षमता की स्थिति जांची गई.