ABC News: केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर शुरू हुए किसान आंदोलन के शनिवार को 7 महीन पूरे हो गए. इस मौके पर किसान नेता राकेश टिकैत ने सीधे शब्दों में केंद्र सरकार को चेतावनी दी और कहा कि वह आने वाले समय में बताएंगे कि दिल्ली (केंद्र सरकार) का इलाज कैसे करना है.
राकेश टिकैत ने कहा, “हमारे जिन पदाधिकारियों को पकड़ा हैं उन्हें या तो तिहाड़ जेल भेजो या फिर राज्यपाल से उनकी मुलाकात कराओ. हम आगे बताएंगे कि दिल्ली का क्या इलाज करना है. दिल्ली बगैर ट्रैक्टर के नहीं मानती है. लड़ाई कहां होगी, स्थान और समय क्या होगा यह तय कर बड़ी क्रांति होगी.” इसके साथ ही, टिकैत ने संसद को किसानों को अस्पताल बताया. राकेश टिकैत ने कहा, “संसद तो किसानों का अस्पताल हैं. वहां हमारा इलाज होगा. हमें पता चला हैं कि किसानों का इलाज एम्स से अच्छा तो संसद में होता है. हम अपना इलाज वहां कराएंगे. जब भी दिल्ली जाएंगे हम संसद में जाएंगे.” गौरतलब है कि शनिवार को किसानों की दिल्ली के उपराज्यपाल से वर्चुअल मीटिंग कराई गई. राकेश टिकैत ने ट्वीट कर कहा, “दिल्ली के उप राज्यपाल महोदय जी से किसानों की नॉर्थ ईस्ट डीसीपी दफ्तर में वर्चुअल मीटिंग कराई गई. राज्यपाल महोदय के सचिव ने डीसीपी दफ्तर आकर ज्ञापन लिया. आज किसान दिल्ली कूच नहीं करेंगे.”
दिल्ली पुलिस ने भारतीय किसान संघ (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत की गिरफ्तारी की खबरों को शनिवार को फर्जी बताया. पुलिस ने बताया कि इस तरह की फर्जी खबरें फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. बीकेयू के मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक ने भी बताया कि टिकैत को गिरफ्तार नहीं किया गया है. मलिक ने कहा, “पुलिस ने टिकैत को गिरफ्तार नहीं किया था. वह अब भी गाजीपुर में विरोध स्थल पर है, जहां कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन चल रहा है. विरोध स्थल पर संघर्ष की कोई स्थिति नहीं है.” दिल्ली पुलिस ने केंद्र के तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के विरोध मार्च की संभावना के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर शनिवार को सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है. किसानों के प्रतिनिधि विभिन्न राज्यों के राज्यपालों को 26 जून को ज्ञापन सौंपेंगे. दिल्ली का राज निवास सिविल लाइंस इलाके में स्थित है.