ABC News: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में आज (शनिवार को) ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में पहले दिन का सर्वे पूरा हो गया. ज्ञानवापी सर्वे पर एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि बाबरी छीनी, ज्ञानवापी नहीं छीन पाओगे. ज्ञानवापी मस्जिद थी और रहेगी.
#WATCH | This country never had & will never have any Muslim vote bank…If we could change govt why such less Muslim representation in Indian Parliament? If we could change govt then instead of Babri Masjid… Now Gyanvapi issue has cropped up: AIMIM chief Asaduddin Owaisi pic.twitter.com/g4tN2relHi
— ANI (@ANI) May 14, 2022
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मैं सरकार को बताना चाहता हूं कि हमने एक बाबरी मस्जिद को खोया है, दूसरी मस्जिद को हरगिज नहीं खोएंगे. तुमने मक्कारी और अय्यारी से इंसाफ को कत्ल करके हमारी मस्जिद को छीना. दूसरी मस्जिद नहीं छीन पाओगे, याद रखना. बता दें कि इससे पहले असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था कि ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे का आदेश असंवैधानिक है. इस तरह का आदेश नहीं दिया जाना चाहिए था. बाबरी मस्जिद पार्ट-2 की ये तैयारी हो रही है. ये इसकी ओर बढ़ता हुआ पहला कदम है. इसके पीछे साजिश है.उन्होंने कहा कि हम तुम्हारी बातों का भरोसा नहीं करने वाले हैं कि हम बचाएंगे. तुम नहीं बचाओगे. इंशाअल्लाह इस बार हम अपनी मस्जिद को, तहजीब को बचाएंगे. एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मैं बड़ी जिम्मेदारी से कह रहा हूं कि ज्ञानवापी मस्जिद थी, है और रहेगी. 1991 का कानून कहता है कि 15 अगस्त 1947 को जो मस्जिद थी वो बरकरार रहेगी. अगर कोई उसके नेचर और कैरेक्टर में तब्दीली करना चाहेगा तो 1991 का संसद का कानून कहता है कि उसपर केस करो. जेल भेजो और अगर कोर्ट ने फैसला दिया तो 3 साल की सजा होगी. असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि ये जो फिरकापरस्त ताकते हैं और समझ लीजिए कि फिरकापरस्त ताकत सिर्फ बीजेपी नहीं है. कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और समाजवादी पार्टी भी फिरकापरस्त हैं. ये सब चाहते हैं कि मुसलमान सिर्फ अपने घर में मुसलमान रहे लेकिन घर से बाहर निकले तो मुसलमान ना रहे. प्रधानमंत्री को ज्ञानवापी के सर्वे पर चुप्पी तोड़नी चाहिए.