ABC NEWS: कानपुर में नई सड़क पर उपद्रव के बाद एक वीडियो इंटरनेट मीडिया में तेजी से वायरल हुआ, जिसमें चंद्रेश्वर हाता के सामने खड़ा एक युवा भीड़ को बुला रहा था. उक्त युवक के भीड़ को बुलाने के बाद ही उपद्रव शुरू हुआ था. विशेष जांच दल (एसआइटी) की जांच में अब युवक की सच्चाई सामने आ गई है. पता चला है कि रुमाल लहराकर हिंसक भीड़ को चंद्रेश्वर हाता की ओर बढ़ने के लिए बुलाने वाला युवक मुख्तार बाबा के प्रतिष्ठान बाबा बिरयानी का ही कर्मचारी था. यही नहीं उसके इशारे पर जो उपद्रवी सबसे पहले आगे बढ़े वह भी बाबा बिरयानी के ही कर्मचारी थे. इस नई जानकारी सामने आने के बाद पुलिस ने सभी कर्मचारियों की लिस्ट और फोटो आदि तलब किए हैं.
तीन जून को उपद्रव के बाद चार जून को वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस उक्त युवक की सरगर्मी के साथ तलाश कर रही थी. मुख्तार बाबा का नाम सामने आने के बाद एसआइटी ने जानकारी जुटाई तो सामने आया कि उपद्रव वाले दिन तलाक महल रोड स्थित बाबा बिरयानी की दुकान बंद थी. बंदी के समर्थन में अपनी दुकान बंद करके भी मुख्तार पुलिस की निगाह में और चढ़ गया. उपद्रव के 18 दिन बाद अब जाकर पता चला कि रुमाल लहराने वाला युवक बाबा बिरयानी में ही काम करने वाला एक युवक है. यह भी पता चला है कि उसके द्वारा रुमाल लहराने के बाद जो युवक सबसे पहले चंद्रेश्वर हाता की ओर हमलावर हुए, उनमें से अधिकांश बाबा बिरयानी में ही काम करने वाले थे.
असल में माना यही जा रहा है कि मुख्तार ने अपने कर्मचारियों को भीड़ में शामिल कराया और तय योजना के मुताबिक भीड़ को चंद्रेश्वर हाता की ओर मोड़ दिया. पुलिस का यह भी मानना है कि इससे यह भी साबित हो गया है कि बिल्डर हाजी वसी के साथ ही मुख्तार बाबा भी चंद्रेश्वर हाता खाली कराने की साजिश में शामिल था. इससे यह भी बात साबित हो गई है कि उपद्रव के पीछे बिल्डर हाजी वसी और मुख्तार बाबा दोनों संयुक्त रूप से मिलकर काम कर रहे थे.