ABC News: किदवईनगर में दो दिन पहले हुई चेन लूट के मामले में बुधवार देर रात क्राइम ब्रांच और किदवईनगर थाने की पुलिस ने बाबूपुरवा कालोनी के दो चचेरे भाइयों को उठाकर थाने में रातभर बेरहमी से पीटा. पुलिस की बर्बरता के निशान उनके शरीर पर साफ दिख रहे हैं. पुलिस रात में दो बार उनके घर जाकर महिलाओं से लूटी चेन मांगी. न देने पर परिवार को अपराधी बनाने की धमकी दी. मामला इंटरनेट मीडिया पर वायरल होने पर गुरुवार दोपहर दोनों को छोड़ा गया. बाद में एबुंलेंस से पीड़ित पुलिस आयुक्त के आवास पहुंच गए. इन्हें देखते ही पुलिस कमिश्नर ने अपनी गाड़ी रूकवा दी और पूरी बात सुनकर एक्शन का भरोसा दिलाया.
बाबूपुरवा कालोनी निवासी सिलाई कारीगर कृष्ण कुमार श्रीवास्तव के परिवार में पत्नी सुनीता, चार बेटे मानसिक अस्वस्थ रवि, अभिषेक, सागर और 19 वर्षीय कार्तिक श्रीवास्तव और एक बहन हैं. कार्तिक बाइक रिपेयरिंग का काम करता है. इसी घर में उनके भाई फतेह कुमार श्रीवास्तव का भी परिवार रहता है. कृष्ण कुमार ने बताया कि मंगलवार रात करीब साढ़े 10 बजे गेट खटखटाने की आवाज आई. उन्होंने गेट खोला तो एक महिला दारोगा समेत 10-12 पुलिसकर्मी थे. उन्होंने बड़े भाई फतेह कुमार के बड़े बेटे गोलू के बारे में पूछा. उसके घर पर न होने की बात पर सभी घर में जबरन घुस आए और कार्तिक व फतेह कुमार के छोटे बेटे सुशील को उठाकर साथ ले गए. कुछ देर बाद गोलू घर आया तो उसे थाने भेजा. पुलिस ने उसकी बाइक रख ली और उसे वापस कर दिया. इसके बाद रात करीब ढाई बजे महिला दारोगा समेत पुलिसकर्मी दोनों घर पहुंचे. उनके साथ अभिषेक भी था. उसके दोनों हाथों में रस्सी बंधी थी. आरोप है कि महिला दारोगा ने गाली-गलौज कर घर की महिलाओं से लूटी हुई चेन और मंगलसूत्र मांगी. उनके इन्कार करने पर अलमारी तक खोलकर देखी. जब कुछ नहीं मिला तो दारोगा पूरे परिवार को अपराधी बनाने की धमकी देकर चली गईं. पीड़ित कार्तिक और सुशील का आरोप है कि उन्हें रात में थाने में रखा गया और महिला दारोगा ने जबरन लूट कबूलने का दोनों पर दबाव बनाया. उनका कहना था कि सीसीटीवी कैमरे में भी उनकी फुटेज और बाइक मिली है, लेकिन उन दोनों ने जब इन्कार कर दिया तो रातभर पट्टे से कमर से लेकर पैर तक बेरहमी से पीटा.