ABC News: शासन की मंशा है कि अब कोविड की दूसरी लहर थम गई है, लिहाजा सभी विभाग के अधिकारी और कर्मचारी समय से कार्यालय आए, जिससे परेशान जनता की समस्याओं को सुनकर उसे राहत दिलाई जा सके लेकिन सरकारी विभागों के अफसरों और कर्मचारियों के लिए मुख्यमंत्री का आदेश मायने नहीं रखता. इसका नजारा और कहीं नहीं, बल्कि केडीए में नजर आया. शासन की मंशा के अनुरूप कमिश्नर राज शेखर जब यहां पर जांच करने पहुंचे, तो 218 कर्मचारी गैर हाजिर पाए गए. कर्मचारी तो छोड़ो, अफसरों का भी यही हाल था. नाराज कमिश्नर ने केडीए उपाध्यक्ष और सचिव को कारण बताओ नोटिस जारी कर सभी गैर हाजिर अफसर और कर्मचारियों से जवाब तलब करने को कहा है.
सोमवार को कमिश्नर राज शेखर जब केडीए का जायजा लेने पहुंचे, तो यहां पर 21 विभागों का निरीक्षण किया. इस दौरान 312 में से 218 कर्मचारी गैर हाजिर मिले. कुछ विभाग और अनुभाग तो ऐसे थे, जहां पर सभी अधिकारी और कर्मचारी गैर हाजिर रहे. प्रभारी जोनल अधिकारी, जो उपस्थिति की जांच करने के लिए जिम्मेदार थे, वह खुद गैर हाजिर पाए गए. यही नहीं, कई महीनों ने उन्होंने खुद उपस्थिति रजिस्टर की जांच तक नहीं की. कमिश्नर ने बताया कि कुछ अधिकारी और कर्मचारी कई दिनों से अनुपस्थित पाए गए. उपस्थिति रजिस्टर में कोई कारण या टिप्पणी भी दर्ज नहीं है. इसको लेकर उन्होंने सख्त नाराजगी जाहिर की. कमिश्नर ने सभी अनुपस्थित अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ प्रभावी कारवाई करने के निर्देश दिए.
कमिश्नर के निरीक्षण में यह भी सामने आया कि इंजीनियरिंग विभाग, प्रवर्तन विभाग और भूमि विभाग आदि जैसे क्षेत्र में काम करने या नियमित निरीक्षण करने वाले अधिकारियों के लिए कोई मूवमेंट रजिस्टर नहीं रखा गया है. कमिश्नर ने ने वीसी केडीए और सचिव को संबंधित अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश देने के लिए कहा कि इन अनुभागों में मूवमेंट रजिस्टर बनाए रखा जाए और सभी अधिकारी जो फ़ील्ड विज़िट पर जा रहे हैं, उसमें विवरण दर्ज करें. इसके अलावा केडीए में कोविड प्रोटोकॉल के पालन में लापरवाही दिखी. कोविड हेल्प डेस्क पर स्टाफ नदारद था. यह हेल्पडेस्क कार्यात्मक नहीं था.
कई कर्मचारी मास्क नहीं पहने हुए थे और कोरोना नियमों का भी उल्लंघन कर रहे थे.
रिपोर्ट: सुनील तिवारी