ABC News: कोरोना काल में हुई मौतों की वजह से भैरोंघाट में बनाया गया अस्थि कलश बैंक पूरी तरह से भर चुका है. इसे देखते हुए युग दधीचि देहदान संस्थान ने यहां पर दोगुनी क्षमता का नया अस्थि कलश बैंक बनाया है. यही नहीं, जिनके परिवारी जन अपने प्रियजन के पार्थिव शरीर की अस्थियां नहीं ले गए, उनका अब 18 जुलाई को भूविसर्जन किया जाएगा.
भैरोंघाट में नए अस्थि कलश बैंक का लोकार्पण पूर्व महापौर जगतवीर सिंह द्रोण ने विधि विधान से किया. यहां पर कोरोना की वजह से मृतक लोगों की आत्मा की शांति के लिए मंत्रपाठ किया गया. संकीर्तन और प्रार्थना मृतकों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई. युग दधीच देहदान, नेत्रदान, अंगदान अभियान के संयोजक मनोज सेंगर ने बताया कि कोरोना काल में यहां पर बनाया गया अस्थि कलश बैंक पूरी तरह से भर चुका था, इसे देखते हुए अब नया बैंक बनाया गया है. इसकी क्षमता दोगुनी है और इसमें 70 अस्थि कलश रखे जा सकते हैं. बिठूर और महराजपुर के ड्योढ़ी घाट में बनाए गए अस्थि कलश बैंक भी पूरी क्षमता से काम कर रहे हैं.
24 मृतकों की अस्थियों को नहीं लेने आए परिजन
भैरोघाट स्थित विद्युत शवदाह गृह में बनाए गए अस्थि कलश बैंक में 24 मृतक ऐसे भी रहे, जिनके प्रियजन आज तक उनके पार्थिव शरीर के अंतिम संस्कार के बाद अस्थियां लेने नहीं आए. अभियान संयोजक मनोज सेंगर ने बताया कि दस अस्थि कलश ऐसे हैं, जो एक साल पहले से यहां पर रखे हैं. इसके अलावा कोरोना की दूसरी लहर से 14 लोगों ने जान गंवाई, उनके भी अस्थि कलश लेने कोई नहीं आया. अब इन सभी अस्थि कलश का 18 जुलाई को गुप्त नवरात्रि के समापन दिवस पर अंतिम संस्कार किया जाएगा. इस दौरान महेंद्र पांडेय पप्पू, माधवी सेंगर, रामजी त्रिपाठी, शरद प्रकाश अग्रवाल, रवि तिवारी, प्रकाश धवन, जय मिश्र आदि मौजूद रहे.
रिपोर्ट: सुनील तिवारी