ABC NEWS: कानपुर शहर में वाहनों की गति और हादसों को नियंत्रित करने के लिए बने एक हजार से ज्यादा स्पीड ब्रेकर अब समस्या बन चुके हैं. खामी इनकी बनावट में है। कोई तय मानक से ऊंचा है तो कहीं स्लोप (ढलान) ही नहीं है. अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद ऐसे खतरनाक स्पीड ब्रेकर हटाए जाएंगे. इसके लिए नगर निगम का अमला सड़क पर उतरकर सर्वे करने जा रहा है.
नगर निगम के मुख्य अभियंता एसके सिंह ने बताया कि सभी छह जोनों के जोनल अभियंताओं को आदेश दिए हैं कि जोनवार एक-एक स्पीड ब्रेकर का सर्वे करके सूची तैयारी की जाए. अभियान चलाकर खतरनाक स्पीड ब्रेकरों को हटाया जाए और मानक के अनुरूप इनका निर्माण किया जाए.
शहर में स्पीड ब्रेकर किस तरह खतरनाक रूप से बनाए गए हैं, इसकी बानगी पीरोड से जुड़े जवाहर नगर क्षेत्र में देखने को मिल जाएगी. इस 200 मीटर लंबी सड़क पर चार से ज्यादा खतरनाक स्पीड ब्रेकर हैं. जरा सी चूक और वाहन पलटना तय है. गुमटी नंबर पांच, जरीब चौकी और कोकाकोला चौराहा क्रासिंग के पास आधा फीट से भी ज्यादा ऊंचे स्पीड ब्रेकर बना दिए गए हैं. इससे चौपहिया वाहन का निचला हिस्सा टकरा जाता है और बाद में वाहन मालिक को हजारों रुपये इसकी मरम्मत पर खर्च करना पड़ता है.
यहां स्थिति सबसे खराब
जवाहर नगर, नेहरू नगर, किदवईनगर, विजयनगर, जरीब चौकी, गुमटी नंबर पांच, कोकाकोला चौराहा, रावतपुर, काकादेव, गोविंदनगर आदि क्षेत्रों में स्पीड ब्रेकर है।
यह है मानक
-इंडियन रोड कांग्रेस की गाइडलाइन के अनुसार स्पीड ब्रेकर की अधिकतम ऊंचाई चार इंच होनी चाहिए.
-ब्रेकर के दोनों ओर दो-दो मीटर का स्लोप दिया जाए ताकि वाहन धीमी गति से बगैर झटका खाए निकल जाए.
-स्पीड ब्रेकर के पहले चेतावनी चिह्न लगे होने चाहिए.
-ब्रेकर पर सफेद या पीला पेंट और रेडियम होना चाहिए, ताकि यह दूर से ही वाहन चालकों को नजर आ जाए.