ABC News: आवास विकास स्थित मसवानपुर में मामा का तालाब की भूमि को लेकर एक्शन शुरू हो गया है. इसको लेकर कमिश्नर की अगुवाई में हुई बैठक में सुनवाई करते हुए सभी अभिलेख खंगाले गए. इसके अलावा एडीएम फाइनेंस की जांच रिपोर्ट भी आई. इसके बाद कमिश्नर ने मामा का तालाब की भूमि को लेकर किए गए फर्जी इन्द्राज का खारिज करने के साथ ही सक्षम न्यायालय में मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए हैं. यही नहीं, फर्जी इन्द्राज करने के मामले में दोषी कर्मचारियों पर भी एफआइआर की जाएगी.
मसवानपुर स्थित मामा का तालाब की भूमि पर होने वाले अवैध कब्जों को लेकर लगातार शिकायत की जाती रही है. इसी को लेकर कमिश्नर डॉ. राज शेख ने एडीएम फाइनेंस, एसडीएम सदर और आवास विकास के अधीक्षण अभियंता के साथ बैठक कर पूरे प्रकरण की सुनवाई की. इसके अलावा सभी अभिलेखों की पड़ताल भी की गई. बैठक में एडीएम फाइनेंस की रिपोर्ट भी रखी गई. इस रिपोर्ट के अनुसार, तालाब की भूमि पर बिना किसी सक्षम अधिकारी/न्यायालय के आदेश से विभिन्न व्यक्तियों के नाम अंकित कर दिये गये हैं. इससे नाराज कमिश्नर ने डीएम को निर्देश दिए कि संबंधित प्रकरण में सक्षम न्यायालय में वाद दर्ज कराते हुए फर्जी इन्द्राज को नियमानुसार खारिज कराकर दो माह में रिपोर्ट दी जाए. यही नहीं, तालाब की भूमि पर फर्जी तरह से बदले गए इन्द्राज को लेकर जो भी कर्मचारी दोषी पाए जाते हैं, उनके खिलाफ एफआइआर भी दर्ज करायी जाएगी.
एडीएम फाइनेंस की रिपोर्ट के अनुसार, श्रेणी-3 की भूमि को आवास विकास परिषद द्वारा अधिग्रहीत कराकर अंकित खातेदारों को बिना अभिलेखों का परीक्षण किये गलत तरीके से मुआवजे का भुगतान किया गया है. इसको लेकर कमिश्नर ने अधीक्षण अभियन्ता, आवास विकास को निर्देश दिए कि इस प्रकरण को मुख्यालय के संज्ञान में लाते हुए राजस्व अभिलेखों में अवैधानिक रूप से श्रेणी-3 के रूप में दर्ज व्यक्तियों के खिलाफ न केवल कानूनी कार्रवाई की जाए बल्कि दो माह में मुआवजे के रूप में भुगतान की गई धनराशि की वसूली भी सुनिश्चित की जाए.
रिपोर्ट: सुनील तिवारी