ABC NEWS: हिंदू कैलेंडर के तीसरे माह ज्येष्ठ(Jyeshtha Month) या जेठ का प्रारंभ 17 मई दिन मंगलवार से हो रहा है. ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि 16 मई सोमवार को सुबह 09:43 बजे से लग रही है, इस तिथि का समापन 17 मई मंगलवार को सुबह 06:25 बजे हो रहा है. जिस तिथि में सूर्योदय होता है, उस दिन वह तिथि मान्य होती है. ऐसे में ज्येष्ठ कृष्ण प्रतिपदा 17 मई को है. इस दिन से ज्येष्ठ माह का प्रारंभ है और इसका समापन 14 जून को होगा. यह दिन बेहद ही शुभ है क्योंकि प्रात:काल से ही शिव योग बना हुआ है. रात 10:38 बजे से सिद्ध योग लग जाएगा.पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र से जानते हैं ज्येष्ठ माह के धार्मिक महत्व के बारे में-
ज्येष्ठ माह में कुछ ऐसे कार्य हैं, जिनको करने से भाग्य मजबूत होता है और पुण्य भी मिलता है. इस माह में सूर्य का तेज ज्यादा होता है. आप कुछ कार्यों को करके सूर्य देव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं, जिससे आपके यश, कीर्ति, सफलता, प्रभाव आदि में वृद्धि होगी.
ज्येष्ठ माह में करें ये काम
1. ज्येष्ठ माह में सूर्य देव की पूजा करनी चाहिए क्योंकि इस समय में उनका प्रभाव ज्यादा होता है. सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए रोज स्नान के बाद जल अर्पित करें और उनके मंत्र का जाप करें.
2. ज्येष्ठ माह में सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए आप रविवार का व्रत रख सकते हैं. इस दिन नमक खाना वर्जित है. मीठा भोजन करके पारण करना चाहिए.
3. ज्येष्ठ माह में गर्मी के वजह से लोग परेशान होते हैं, इसलिए जल और पंखे का दान करना उत्तम होता है. संभव हो तो प्यासे लोगों को पानी पिलाएं. आपको पुण्य प्राप्त होगा.
4. इस माह में आप पशु-पक्षियों के लिए दाने और पानी की व्यवस्था करें. आप पर ईश्वर की कृपा होगी.
5. ज्येष्ठ माह में राहगीरों को शरबत पिलाएं, गरीबों को उन फलों का दान करें, जिनमें पानी की मात्रा ज्यादा हो. आपको पुण्य फल प्राप्त होगा.
6. ज्येष्ठ माह में जल की पूजा की जाती है, इसलिए इस महीने में दो बड़े व्रत गंग दशहरा और निर्जला एकादशी रखे जाते हैं.
7. ज्येष्ठ माह में ही प्रभु श्रीराम से हनुमान जी का मिलन हुआ था, इसलिए इस माह में हनुमान जी की पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
8. इस माह में तिल का दान करना शुभ फल प्रदान करने वाला होता है.