ABC NEWS: पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में अपनी सराकार के खिलाफ विपक्षी दलों की ओर से लाया गया अविश्वास प्रस्ताव खारिज होने के बाद संसद भंग करवाने वाले इमरान खान अब अपने ही जाल में फंसते नजर आ रहे हैं. पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट में इमरान खान को जवाब देना मुश्किल हो रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने इमरान सरकार से उनकी सरकार के खिलाफ कथित विदेशी साजिश के दावों को साबित करने के लिए कहा है, साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक के विवरण भी मांगे हैं. इमरान खाने ने इस्लामाबाद की अपनी रैली में विदेशी साजिश वाली एक चिट्ठी को हवा में लहराकर दिखाया था, फिर राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में ही इसका जिक्र किया था. बाद में उन्होंने अमेरिकी पर उनको सत्ता से बेदखल करने की साजिश रचने का आरोप लगाया था.
पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने इमरान खान से पूछा है कि तथ्यों को पेश किए बिना ही अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कैसे किया जा सकता है? उधर पाकिस्तान मुस्लीम लीग नवाज की मरियम नवाज ने तंज कसते हुए कहा कि इमरान सरकार जाली खत लेकर अपनी रैली में आए थे. उन्होंने जनता को खत क्यों नहीं दिखाया. इसे पब्लिक क्यों नहीं किया? उन्हें विदेशी धमकी वाला खत सुप्रीम कोर्ट को भी दिखाना चाहिए था. गत 3 अप्रैल को पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में डिप्टी स्पीकर कासिम खान सूरी ने संविधान के अनुच्छेद 5 का हवाला देते हुए विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को ‘विदेशी साजिश’ बताकर खारिज कर दिया था. इसके बाद इमरान खान ने राष्ट्रपति आरिफ अल्वी को पाकिस्तान की संसद और सभी विधानसभाओं को भंग करने का प्रस्ताव भेजा था.
इमरान खान के प्रस्ताव पर कार्रवाई करते हुए राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने पाकिस्तान नेशनल असेंबली भंग कर दी थी. संयुक्त विपक्ष इसको असंवैधानिक बताते हुए सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले का स्वत: संज्ञान ले लिया था. इमरान खान ने विपक्ष की ओर से अपनी सरकार के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव नेशनल असेंबली में खारिज होने के तुरंत बाद पाकिस्तान की जनता को संबोधित करते हुए उन्हें चुनाव की तैयारी करने के लिए कहा था. इमरान खान ने कहा कि पाकिस्तान और उनके खिलाफ विपक्ष द्वारा अपने विदेशी आकाओं के साथ मिलकर रची गई साजिश को डिप्टी स्पीकर ने नाकाम कर दिया. उन्होंने कहा था कि अब पाकिस्तान में आम चुनाव होंगे और यहां की जनता फैसला करेगी.