ABC NEWS: आषाढ़ माह की गुप्त नवरात्रि (Gupt Navratri) का प्रारंभ 30 जून दिन गुरुवार से हो रहा है. गुप्त नवरात्रि के प्रथम दिन घटस्थापना या कलश स्थापना करते हैं, उसके बाद से मां दुर्गा के नवस्वरूपों की पूजा प्रारंभ होती है. एक वर्ष में कुल 4 नवरात्रि होती हैं, जिनमें चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि में सभी हिंदू परिवारों में पूजा पाठ होता है. जबकि गुप्त नवरात्रि आषाढ़ माह और माघ माह में आती है. आषाढ़ गुप्त नवरात्रि का प्रारंभ इसके शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होता है. गुप्त नवरात्रि में 10 महाविद्याओं का पूजन किया जाता है. इसमें तंत्र-मंत्र की सिद्धि करते हैं.पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र से जानते हैं गुप्त नवरात्रि के प्रथम दिन घटस्थापना मुहूर्त के बारे में-
तिथि
आषाढ़ शुक्ल प्रतिपदा तिथि का प्रारंभ: 29 जून, दिन बुधवार, सुबह 08:21 बजे से
आषाढ़ शुक्ल प्रतिपदा तिथि का समापन: 30 जून, दिन गुरुवार, सुबह 10:49 बजे पर
घटस्थापना मुहूर्त
प्रात:काल शुभ मुहूर्त: 05:26 बजे से 06:43 बजे तक
दोपहर शुभ मुहूर्त: 11:57 बजे से 12:53 बजे तक
प्रात:काल मुहूर्त में आपको कलश स्थापना के लिए 01 घंटा 17 मिनट का समय प्राप्त होगा, जबकि दोपहर के अभिजित मुहूर्त में कलश स्थापना के लिए 56 मिनट का समय प्राप्त होगा.
सर्वार्थ सिद्धि योग में गुप्त नवरात्रि का प्रारंभ
इस बार आषाढ़ गुप्त नवरात्रि का प्रारंभ सर्वार्थ सिद्धि योग में हो रहा है. प्रथम दिन पूरे समय सर्वार्थ सिद्धि योग योग बना हुआ है. इसका अर्थ यह है कि आप जिस मनोकामना से गुप्त नवरात्रि का व्रत और पूजा करेंगे, उसके पूर्णत: फलित होने की संभावना है.
इसके अलावा गुप्त नवरात्रि पर गुरु पुष्य योग और अमृत सिद्धि योग भी है. ये दोनों ही योग 30 जून को देर रात 01:07 बजे से लेकर अगली सुबह 05:27 बजे तक हैं. इनके अतिरिक्त गुप्त नवरात्रि पर केदार, ध्रुव और हंस योग भी बनेंगे.