ABC NEWS: पूरी दुनिया में तबाही मचाने वाले कोरोना वायरस को लोग अभी भूले भी नहीं थे कि एक नए वायरस ने दस्तक दे दी है. कानपुर में जीका वायरस की दस्तक ने एक बार फिर से लोगों को खौफ में डाल दिया है. सबसे पहले केरल में इस वायरस की पुष्टि हुई थी. कुछ दिन पहले ही यहां एयरफोर्स के कर्मचारी में यह वायरस मिला था. शनिवार को तीन और लोगों में इस वायरस की पुष्टि हुई है.
दो दिन पहले गर्भवती महिलाओं समेत 50 लोगों के सैंपल जांच के लिए गए थे. शनिवार को रिपोर्ट आई तो स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार जिन तीन लोगों में जीका वायरस की पुष्टि हुई है वह दो एयरफोर्स के अंदर और एक पेरीफेरल पर हैं. इनकी उम्र करीब 30, 40 और 41 साल की बताई जा रही है. आपको बता दें कि केरल के बाद यूपी के कानपुर में 23 अक्टूबर को जीका वायरस का पहला केस सामने आया था. 57 वर्षीय एयरफोर्स कर्मचारी में मिले इस वायरस ने स्वास्थ्य विभाग में खलबली पैदा कर दी थी. डेंगू बुखार के लक्षण पर सेवेन एयरफोर्स अस्पताल में 19 अक्टूबर को मरीज को भर्ती कराया गया था. इलाज से लाभ न मिलने पर दो दिन पूर्व सैंपल नेशनल इंस्टरट्यूट आफ वायरोलाजी, पुणे को सैंपल भेजा गया था, जहां जीका वायरस की पुष्टि हुई थी. इसके बाद मरीज, उसके करीब रहे 22 लोगों व इलाज कर रहे स्टाफ को आइसोलेट कर दिया गया था.
दो दिन पहले 50 लोगों को लिया गया था सैंपल
जीका वायरस के सोर्स का पता लगा रही 70 टीमों ने गुरुवार को 30 गर्भवती महिलाओं समेत 50 लोगों की जांच नमूने लिए थे. उन्हें पुणे जांच के लिए भेजा गया था. गुरुवार को सर्विलांस टीमों का फोकस गर्भवती महिलाओं ओर बीमार लोगों पर रहा. लोग सैम्पल देने में सहयोग नहीं कर रहे थे. एयरफोर्स कर्मी में जीका की पुष्टि के बाद वायरस के प्रसार की चौतरफा कोशिश हो रही हैं. अगर जीका के और केस बढ़ते हैं तो दिल्ली से आई एनसीडी की टीम उनके इलाज प्रबंधन पर अपनी रिपोर्ट बना रही है. इस कड़ी में नगर में सरकारी अस्पतालों में इलाज की सुविधाओं और संसाधनों पर रिपोर्ट बना रही है. साथ ही कुछ अस्पतालों को अपडेट करने के लिए केन्द्र से सिफारिश करने की योजना है. इसी कड़ी में बुधवार को टीम मेडिकल कॉलेज पहुंची थी वहां इलाज और जांच की सुविधाओं का हाल लिया. जिला अस्पतालों, उर्सला, केपीएम, डफरिन और कांशीराम अस्पताल में जाएगी.