ABC News: कश्मीर के मौजूदा हालात पर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से चर्चा करने के बाद आज सोमवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री व सांसद डॉ फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि पीपुल्स एलांयस फार गुपकार डिक्लेरेशन के सदस्यों ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के समक्ष जम्मू-कश्मीर में कानून-व्यवस्था की स्थिति का मुद्दा उठाया. बतौर पीएजीडी अध्यक्ष के नाते उन्होंने कहा कि फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ ने देश में नफरत को जन्म दिया है. ऐसी चीजों (फिल्मों) पर प्रतिबंध लगना चाहिए.
#WATCH We met LG Manoj Sinha to raise the issue of the law & order situation in J&K. During the meeting, I told him that the film ‘The Kashmir Files’ has given birth to hate in the country. Such things (films) should be banned: Dr Farooq Abdullah, National Conference pic.twitter.com/Z1BkoNijRO
— ANI (@ANI) May 16, 2022
डॉ फारूक अब्दुल्ला अपनी पार्टी के पूर्व मंत्री अब्दुल सलाम देवा के बेटे की शोक संवेदना के लिए जिला अनंतनाग में हैं. उनके साथ दक्षिण कश्मीर के अध्यक्ष डॉ बशीर वीरी और जिला अध्यक्ष कुलगाम मजीद लारमी भी थे. इसी दौरान पत्रकारों से बात करते हुए डॉ फारूक अब्दुल्ला ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से हुई बातचीत की जानकारी देते हुए कहा कि कश्मीर के नेताओं को पीड़ितों के घर जाने से रोका जा रहा है. महबूबा मुफ्ती का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि जब-जब वह पीड़ित परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करने के लिए घर से निकलना चाहती थीं, उन्हें नजरबंद कर दिया जाता है. यह सही नहीं है. अगर दुख की इस घड़ी में भी हम लोग एक दूसरे के नजदीक नहीं जाएंगे तो इससे दुरियां बढ़ेंगी. उन्होंने द कश्मीर फाइल्स फिल्म को एक बार फिर बेबुनियाद बताते हुए कहा कि इससे देश भर में नफरत का संदेश गया है. कश्मीर के युवाओं में भी इस बात को लेकर खासा रोष है कि उनकी व्यक्तित्व को नुकसान पहुंचाया गया है. आज देश के विभिन्न राज्यों में जो मुस्लमानों पर जो जुल्म हो रहा है, उसने भी युवाओं में रोष बढ़ाने का काम किया है. ऐसी चीजों को बंद करना चाहिए. उन्होंने उन मीडिया सेंटर को भी बंद करने पर जोर दिया, जिनकी वजह से समाज में यह नफरत का संदेश जा रहा है. उन्होंने कहा कि इससे में देरी देश हित में नहीं है.