ABC NEWS: योगी सरकार 2.0 की सरकार बनने के बाद नागरिक उड्डयन विभाग का जिम्मा खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पास है. ऐसे में अब चकेरी एयरपोर्ट के नए टर्मिनल बिल्डिंग को बनाने में हो रही हीलाहवाली पर अंकुश लगने के आसार लग रहे थे. लेकिन, जिस हिसाब से निर्माण एजेंसी अपना कार्य कर रही है उसे देखते हुए चौथी डेडलाइन यानी 31 मई तक भी इस टर्मिनल का बनना नामुमकिन है.
एयरपोर्ट के एक अधिकारी ने बताया, मुख्यमंत्री कार्यालय से लेकर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना तक ने चकेरी एयरपोर्ट के लिए पैरवी की लेकिन अभी तक इस टर्मिनल का सिविल कार्य ही पूरा नहीं हो पाया है. रक्षा मंत्रालय ने टर्मिनल के लिए टैक्सी लिंक रोड और अंडरग्राउंड केबल डालने के लिए करीब एक साल से रुकी हुई एनओसी जारी तो जारी कर दी है लेकिन यहां अभी तक काम शुरू नहीं हो पाया है.
कितनी डेडलाइन मिली अब तक
चकेरी एयरपोर्ट में हो रहे एक्सपेंशन के कार्य को इस बार चौथी डेडलाइन दी गयी है. इससे पहले 30 सितम्बर तक होना था लेकिन कोरोना के चलते यह पूरा नहीं हो पाया. फिर प्रशासन और एयरपोर्ट अथॉरिटी ने निर्माण एजेंसी को 31 दिसंबर तक का समय दिया लेकिन इस डेडलाइन में यह लोग सिर्फ 50 फीसदी ही कार्य पूरा कर सके थे. इसके बाद शासन की तरफ से एक नई डेडलाइन 31 मार्च तक दे दी गयी. इस बार भी यह कार्य लटका का लटका रह गया. सीएम योगी के दोबारा सरकार बनते ही इस सरकार ने अब निर्माण एजेंसी को 31 मई तक कार्य पूरा करने के लिए चौथी बार नई तारीख दी है. आसार लग रहे है इस तारीख कार्य पूरा होना नामुमकिन है.
एप्रोच रोड का आधा काम बाकी
एयरपोर्ट के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार अभी तक सिविल वर्क में किये गए परिवर्तन का कार्य निर्माण एजेंसी नहीं कर पाई है. नए टर्मिनल बिल्डिंग से हाईवे तक एप्रोच रोड का कार्य भी पीडब्ल्यूडी की वजह से पूरा नहीं हो पाया है. सबसे महत्वपूर्ण आईएलएस-कैट 3 जिसकी वजह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 दिसंबर को चकेरी से उड़न नहीं भर पाए थे वो कार्य भी अभी तक रक्षा मंत्रालय में फसा हुआ है.
नए टर्मिनल को बनाने में क्यों हुई देरी
चकेरी एयरपोर्ट के नए टर्मिनल को बनाने का प्रोजेक्ट उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम लिमिटेड को दिया गया था. जब यह प्रोजेक्ट इस निर्माण कंपनी को सौंपा गया था तब उन्होंने इसमें 800 से 1200 लेबर लगा कर डबल से ट्रिपल शिफ्ट में काम करा करने का वादा किया था. लेकिन पिछले सालों से ऐसा देखने को कुछ भी नहीं मिला. इसके अलावा निर्माण कंपनी की तरफ से सिर्फ 200 ही लेबर लगाए गए जिसकी वजह से यह काम अभी तक पूरा नहीं हो पाया है और एयरपोर्ट के डायरेक्टर बीके झा ने बताया है कि आने वाले छह महीने में भी यह कार्य पूरा नहीं हो सकेगा.
800 केवीए की डेडिकेटेड पावर लाइन नहीं बिछी
नए बन रहे एयरपोर्ट टर्मिनल के लिए 800 केवीए की डेडिकेटेड पावर लाइन केस्को इलेक्ट्रिक कंपनी को बिछानी है जिसके लिए कम से कम दो महीने का समय लगेगा. इस कार्य की अभी तक सिर्फ मैपिंग शुरू हो पाई है. बीके झा ने बताया कई बार केस्को के एमडी को पत्र लिख चुके है लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आता.
मिनिस्ट्री ऑफ डिफेन्स में लटकी फाइल के चलते देर से शुरू हुआ काम
एयरफोर्स स्टेशन चकेरी से लिंक टैक्सी के लिए 403*30 वर्ग मीटर का निर्माण करने के लिए मिनिस्ट्री ऑफ डिफेन्स में पिछले कई महीने से फाइल लटकी हुई थी, योगी सरकार के दोबारा पावर में आते ही फाइल तो पास हो गई लेकिन उस पर काम बहुत धीमी गति से हो रहा है. इसके अलावा पुराने एयरपोर्ट को नए से जोड़ने के लिए भी कुछ जमीन एयरफोर्स की लगेगी उसका भी प्रस्ताव अभी तक अप्रूव नहीं हो पाया है. आईएलएस के प्रस्ताव के बारे में भी डिफेन्स मिनिस्ट्री से कोई जवाब अब तक नहीं आ पाया है.
विधानसभा चुनाव बना सबसे बड़ा कारण
एयरपोर्ट अथॉरिटी के एक अधिकारी ने बताया की, जब से चुनाव की घोषणा हुई थी तभी से निर्माण एजेंसी ने यहां का काम ढीला कर दिया था. जब भी हम लोग कुछ जोर बनाते थे तब वह लोग पैसा का रोना रो देते थे. इसकी शिकायत हम लोगों शासन से भी की लेकिन फिर भी कुछ नहीं हुआ. सब लोग चुनाव में व्यस्त रहे. इस समय टर्मिनल में सिर्फ 50 से 70 लेबर काम कर रहे है. चुनाव के बाद सरकार ने पैसा अभी तक रिलीज़ नहीं किया है.
मोदी और योगी के सांसद और विधायक की खुली पोल
इस प्रोजेक्ट के लिए योगी आदित्यनाथ से लेकर नितिन गडकरी और ज्योतिरादित्य सिंधिया तक परेशान रहे है तब भी तय समय पर नहीं करवा पाए एयरपोर्ट का कार्य. पिछले साल नवंबर में योगी सरकार में तत्कालीन नागरिक उड्डयन मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने चकेरी एयरपोर्ट का दौरा कर के इस समय के शहर के सांसद सत्यदेव पचौरी और अन्य शहर के बड़े व्यापारियों से वादा किया था की काम रुकेगा नहीं. लेकिन, उस समय शहर के सांसद सत्यदेव पचौरी ने ही उनको नसीहत देते हुए रोकने की कोशिश की थी.
उसके बावजूद नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने निर्माण एजेंसी के ठेकेदार को गाली देते हुए टाइम पर अगर काम नहीं खत्म हुआ तो जेल में डालने तक की धमकी दे दी थी. इस बात पर सांसद पचौरी बहुत खुश हुए थे. अभी हाल ही में हुई सलाहकार समिति की बैठक में भी सांसद पचौरी और भोले ने कड़े तेवर दीखते हुए कहा था कि अगर 31 मई तक कार्य पूरा नहीं हुआ तो इसकी सजा अधिकारियों और निर्माण एजेंसी को भुगतनी पड़ेगी, अब देखना यह होगा कि अगर निरमन एजेंसी अपना कार्य समय से पूरा नहीं करती है तो इसमें किसके ऊपर चाबुक चलती है.