ABC NEWS: गर्मी अब जानलेवा हो चली है. गर्मी की वजह से डायरिया, डिहाइड्रेशन (शरीर में पानी की कमी) और हीट स्ट्रोक की चपेट में आ रहे हैं. मंगलवार को कानपुर के हैलट अस्पताल में डायरिया पीड़ित छह मरीजों ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. उसमें से तीन बच्चे वह दो बुजुर्ग गंभीर स्थिति में निजी अस्पतालों से रेफर होकर एलएलआर अस्पताल (हैलट) की इमरजेंसी आए थे, जिन्हें मृत घोषित कर दिया गया. अस्पताल की ओपीडी व इमरजेंसी में हीट स्ट्रोक की चपेट में आने वाले 11 मरीज भर्ती कराए गए हैं, जबकि दो की किडनी प्रभावित है.
LLR अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक प्रो. आरके मौर्या का कहना है कि गर्मी की वजह से मरीजों की संख्या बढ़ गई है. निजी अस्पतालों से गंभीर स्थिति में मरीजों को रेफर किया जा रहा है, जिससे उनकी जान बचाई नहीं जा सकती है. इसलिए संचालक समय से मरीजों को रेफर करें.
एलएलआर अस्पताल की ओपीडी में मंगलवार को मरीजों का तांता लगा रहा. खासकर मेडिसिन ओपीडी में सुबह से लेकर दोपहर तक वरिष्ठ डाक्टर से लेकर सीनियर और जूनियर रेजीडेंट मरीजों से घिरे रहे. मेडिसिन ओपीडी में मरीज देख रहीं कार्यवाहक प्राचार्य प्रो. रिचा गिरि ने बताया कि गर्मी की वजह से मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है. उसमें डायरिया, उल्टी-दस्त, डिहाइड्रेशन और एक्यूट किडनी इंजरी (एकेई) के मरीज अधिक रहे. गर्मी बढ़ने की वजह से मंगलवार को मेडिसिन ओपीडी में 1676 मरीज देखे गए. उसमें से 390 मरीज मेरी ओपीडी में आए. उल्टी-दस्त और डिहाइड्रेशन के 240 मरीज आए, शरीर में पानी की कमी होने से कमजोरी की समस्या थी. उनमें से 34 मरीज भर्ती किए गए, उसमें 11 में हीट स्ट्रोक के लक्षण थे, जिन्हें तेज बुखार, कमजोरी, बेहोशी जैसे लक्षण थे. उन्हें निगरानी में रखा गया ह.। दो की किडनी पर असर पड़ने पर भर्ती करना पड़ा, जरूरी होने पर उनकी डायलिसिस भी कराई जाएगी.
डायरिया से इनकी हुई मौत
कर्रही का सात वर्षीय सनी को सोमवार सुबह से उल्टी दस्त आ रहे थे. पहले झोलाछाप को दिखाया, लेकिन स्थिति बिगड़ती चली गई। रात में कर्रही के नर्सिंग होम में भर्ती कराया. जब उसे झटके आने लगे तो हैलट अस्पताल रेफर कर दिया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया. इसी तरह गुजैनी के छह वर्षीय आशू दो दिन से उल्टी दस्त हो रहे थे. उसका घर पर ही इलाज चलता रहा. जब वह बेसुध हो गया तो उसके स्वजन पास के नर्सिंग होम ले गए. डाक्टर ने हैलट भेज दिया. यहां पहुंचने से पहले ही उसकी सांसें थम गईं. इसी तरह से कल्याणपुर के नौ वर्षीय रंजेश को उसके पिता जगदीश प्रसाद गंभीर स्थिति में हैलट इमरजेंसी लेकर आए थे, जहां इलाज शुरू होने से पहले उसने दम तोड़ दिया. पनकी के 72 वर्षीय बाबू कृष्ण शनिवार को जरूरी काम से बाहर गए थे. वहां से लौटने के बाद उन्हें चक्कर आने लगे. दो दिन तक ख़ाना नहीं खाया। मंगलवार सुबह जब उन्हें झटके आने लगे तो नर्सिंग होम लेकर गए, वहां से बेसुध स्थिति में हैलट भेज दिया. वहां उन्हें मृत घोषित कर दिया। यशोदा नगर की 79 वर्षीय शिव दुलारी एक दिन पहले दोपहर में गांव से लौटी थीं, घर आकर पानी पीते ही बेहोश हो गईं, पहले निजी अस्पताल में भर्ती कराया. वहां से सुबह हैलट इमरजेंसी रेफर कर दिया. जहां डाक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. रामादेवी के नर्सिंग होम में जाजमऊ निवासी 84 वर्षीय अकील की मौत हो गई. परिजनों के मुताबिक दो दिन से उन्हें उल्टी दस्त हो रहे थे.