ABC News: विश्व हिंदू परिषद के उपाध्यक्ष और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने अयोध्या में बन रहे ‘राम मंदिर’ को ‘हिंदुस्तान’ का गौरव बताया. उन्होंने मंदिर निर्माण में किसी प्रकार का व्यवधान न आए, इसलिए रामकाज करने वालों के साथ भावनात्मक रूप से जुड़ने का आह्वान किया. योगी आदित्यनाथ को लेकर उन्होंने कहा कि ऐसा साधु दुनिया में नहीं है.
सीमावर्ती मध्यप्रदेश के चित्रकूट क्षेत्र में रामायण कुटी में रविवार को विश्व हिंदू परिषद कानपुर प्रांत के धर्माचार्या संपर्क विभाग की चिंतन बैठक हुई. इसमें प्रभु श्रीराम की तपोभूमि के संत और महंत ने ‘रामकाज कीन्हे बिना मोहि कहां विश्राम’ चौपाई के साथ देश को ‘हिंदू राष्ट्र’ बनने के लिए नहीं रुकने-झुकने का संकल्प लिया. महासचिव चंपक राय ने कहा कि अयोध्या में बन रहा मंदिर साधारण नहीं है, यह हिंदुस्तान के सम्मान और गौरव का प्रतीक है. एक विदेशी ने भगवान के घर को तोड़ा था और अब मंदिर निर्माण के लिए सरकार ने ट्रस्ट बनाया है. सरकार के चार अफसर हैं जो अपनी थोपते नहीं हैं. भविष्य में कोई थोपने वाला न आ जाए इसका चिंतन करना है.आरोपों पर सफाई देते हुए उन्होंने कहा कि राम मंदिर ट्रस्ट और सत्ता को बदनाम करने के लिए आरोप लगाए जा रहे हैं. चुनाव के समय ऐसे अनर्गल आरोप लगते रहते हैं. उन्होंने सरकार के धर्मांतरण कानून, गो हत्या पर रोक का जिक्र करते हुए कहा कि तलवार के बल पर मतांतरण कराया गया. गो संरक्षण के कार्य में कमी पर कहा, इसे जल्द दूर किया जाएगा. योगी आदित्यनाथ के लिए चंपत राय ने कहा कि ऐसा साधु दुनिया में नहीं है. गोरखपुर का मठ कुबेर का घर है, जिसके वह मालिक है लेकिन आज भी वही अंचला (वस्त्र) पहनते हैं, जो मुख्यमंत्री बनने के पहले पहनते थे. राज सत्ता का उपभोग व्यक्तिगत नहीं होना चाहिए. समाज का राजा निष्पक्ष व पारदर्शी होना चाहिए. योगी सरकार में पारदर्शिता का स्तर उत्तर प्रदेश सरकार में बढ़ा है. हमारे समाज की कठनाई है कि चर्चा बहुत करता है लेकिन जब समय आता है तो पिकनिक पर चला जाता है. समाज की उदासीनता बंद होनी चाहिए. संतों से आह्वान किया कि शास्त्र व प्रवचन में चर्चा होनी चाहिए कि लोकतंत्र में वोट डालना कर्तव्य है, उसका प्रयोग नहीं करने पर अधिकार खत्म हो जाता है. हम धरती के पुत्र हैं हमे सोचना है कि इसकी व्यवस्था किसके हाथ में हो. चंपत राय ने कहा कि मंदिर के नींव का काम पूरा हो गया है. तकनीकी रूप से इतनी मजबूत है कि हजार साल तक कोई हिला नहीं सकता. जमीन के 50 फीट नीचे चट्ठान की ढलाई की गई है. अब फर्श ऊंचाई का काम इसी माह के आखरी सप्ताह से शुरू हो जाएगा. सड़क के 6.50 मीटर ऊंचाई मंदिर का फर्श होगा, जिसे बनाने में चार माह लगेंगे. दिसंबर 2023 तक मंदिर निर्माण पूरा करने का लक्ष्य है, उसके अनुसार काम हो रहा है.