ABC News: उत्तर प्रदेश में बीते कई दिनों से राशन कार्ड सरेंडर तथा निरस्तीकरण की चर्चाओं पर उत्तर प्रदेश सरकार ने रविवार को विराम लगा दिया है. सरकार की ओर से स्पष्ट किया गया कि राशन कार्ड का सत्यापन एक सामान्य प्रक्रिया है, सरेंडर करने की बात महज अफवाह के सिवा कुछ भी नहीं है.
#InfoUPFactCheck: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर राशन कार्ड सरेंडर करने व वसूली को लेकर भ्रामक पोस्ट वायरल किए जा रहे हैं।
इस संबंध में अवगत कराना है कि @UPGovt की ओर से राशन कार्ड सरेंडर व वसूली का कोई आदेश जारी नहीं किया गया है। pic.twitter.com/PG1XAu7McI
— Info Uttar Pradesh Fact Check (@InfoUPFactCheck) May 22, 2022
उत्तर प्रदेश सरकार ने राशन कार्ड को लेकर बीते कई दिन से चल रही अफवाह पर रविवार को अपना रुख स्पष्ट कर दिया है. योगी आदित्यनाथ सरकार ने स्पष्ट किया कि प्रदेश में राशनकार्ड सरंडेर करने या फिर कहीं पर उनके निरस्तीकरण के सम्बन्ध में कोई नया आदेश जारी नहीं किया गया है. प्रदेश के खाद्य आयुक्त ने इस संबंध में प्रसारित खबरों को आधारहीन तथा भ्रामक बताया है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में राशनकार्ड सत्यापन एक सामान्य प्रक्रिया है. सामान्य प्रक्रिया को बेवजह तूल देना ठीक नहीं है.उत्तर प्रदेश सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के इंफो उत्तर प्रदेश फैक्ट चेक शाखा की ओर से जारी स्पष्ट निर्देश में कहा गया है कि इंटरनेट मीडिया मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर राशन कार्ड सरेंडर करने व वसूली को लेकर भ्रामक पोस्ट वायरल किए जा रहे हैं.
प्रदेश में राशन कार्ड सरेंडर करने व उनके निरस्तीकरण के सम्बन्ध में कोई नया आदेश जारी नहीं किया गया है।
पात्र गृहस्थी राशनकार्डों की पात्रता/अपात्रता के सम्बन्ध में 07 अक्टूबर, 2014 के शासनादेश के मानक निर्धारित किए गए थे, जिसमें वर्तमान में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है।@FCSUPDept pic.twitter.com/gMMhx3OYK2
— Government of UP (@UPGovt) May 22, 2022
इस संबंध में अवगत कराना है कि उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से राशन कार्ड सरेंडर या फिर वसूली का कोई आदेश जारी नहीं किया गया है. राशन कार्ड सरेंडर करने और रिकवरी होने के आदेश को लेकर सरकार की तरफ से खंडन किया गया है. खाद्य आयुक्त ने बताया कि इस संबंध में कोई आदेश जारी नहीं किया है. भ्रामक व तथ्यों से परे खबरों का खण्डन करते हुए राज्य के खाद्य आयुक्त सौरव बाबू ने कहा कि राशनकार्ड सत्यापन एक सामान्य प्रक्रिया है जो समय-समय पर चलती है. उन्होंने कहा कि राशन कार्ड सरेंडर करने और पात्रता की नई शर्तों के संबंध में आधारहीन प्रचार हो रहा है. सत्यता यह है कि पात्र गृहस्थी राशनकार्डों की पात्रता/अपात्रता के सम्बन्ध में सात अक्टूबर, 2014 के शासनादेश के मानक निर्धारित किए गए थे जिसमें वर्तमान में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है.
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 तथा प्रचलित शासनादेशों में अपात्र राशन कार्डधारकों से वसूली जैसी कोई व्यवस्था भी निर्धारित नहीं की गई है और रिकवरी के सम्बन्ध में शासन स्तर से अथवा खाद्य आयुक्त कार्यालय से कोई भी निर्देश निर्गत नहीं किए गए हैं।@FCSUPDept
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उन्होंने कहा कि सरकारी योजनान्तर्गत आवंटित पक्का मकान, विद्युत कनेक्शन, एक मात्र शस्त्र लाइसेंस धारक, मोटर साइकिल स्वामी, मुर्गी पालन/गौ पालन होने के आधार पर किसी भी कार्डधारक को अपात्र घोषित नहीं किया जा सकता है. इसी प्रकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 तथा प्रचलित शासनादेशों में अपात्र कार्डधारकों से वसूली जैसी कोई व्यवस्था भी निर्धारित नहीं की गई है और रिकवरी के सम्बन्ध में शासन स्तर से अथवा खाद्यायुक्त कार्यालय से कोई भी निर्देश निर्गत नहीं किए गए हैं. विभाग सदैव पात्र कार्डधारकों को नियमानुसार उनकी पात्रता के अनुरूप नवीन राशनकार्ड निर्गमित करता है तथा एक अप्रैल, 2020 से अब तक प्रदेश में कुल 29.53 लाख नवीन राशनकार्ड विभाग द्वारा पात्र लाभार्थियों को जारी किए गए है.