ABC NEWS: कानपुर-लखनऊ रेल रूट पर ट्रेनों का परिचालन सोमवार को मगरवारा स्टेशन के पास पीक्यूआरएस (प्लेजर क्विक रीलेयिंग सिस्टम) मशीन का इंजन बेपटरी होने से साढ़े तीन घंटे ठप रहा. यह हादसा दोपहर करीब 1.04 बजे हुआ. यह मशीन गंगापुल बायां किनारा स्टेशन से करोवन रेलवे क्रॉसिंग की ओर आ रही थी. क्रॉसिंग से डेढ़ सौ मीटर दूरी पर ट्रैक व स्लीपर बदलने का कार्य किया जाना था. हादसे की जानकारी पर कानपुर-लखनऊ रेल रूट पर अप व डाउन में आने वाली सभी ट्रेन को घटनास्थल से पहले रोक दिया. लगभग 4.30 बजे तक रेल रूट बाधित रहा. हादसे की जांच के आदेश डीआरएम ने सीनियर डीईएन-5 को दिए हैं.
कानपुर-लखनऊ रेल रूट पर सेमी हाई स्पीड परियोजना के तहत ट्रैक व स्लीपर बदले जा रहे हैं. गंगापुल बायां किनारा से करोवन रेलवे क्रॉसिंग के मध्य डाउन लाइन में ट्रैक बदलने के बाद बचे हिस्से (उन्नाव की ओर) में कार्य ब्लाक लेकर होना था. सोमवार को दोपहर करीब 12.50 से अपराह्न 3:50 बजे तक क्रॉसिंग के आगे होने वाली कवायद को लेकर ब्लाक मिलने पर मशीन गंगापुल बायां किनारा स्टेशन से उन्नाव की ओर लायी जा रही थी. मगरवारा स्टेशन से कुछ दूरी पर लूप से मेन लाइन पर ट्रेन आते समय बेपटरी हो गई. प्वाइंट 41 बी (कैंची प्वाइंट) पर हुए हादसे की वजह से अप व डाउन दोनों ही लाइन बाधित हो गई. ऐसे में उन्नाव से कानपुर सेंट्रल स्टेशन आ रही राप्तीसागर ट्रेन को मगरवारा से पहले बलवंतखेड़ा क्रॉसिंग से कुछ दूर पर रोक दिया गया. करीब तीन घंटे तक ट्रेन क्रॉसिंग पर रुकी रही.
शाम चार बजे तक बेपटरी इंजन के चार पहिए को वापस ट्रैक पर लाया गया. इंजन के पहियों को क्रेन की मदद से ट्रैक पर चढ़ाया गया था. उधर, उन्नाव स्टेशन पर अप में दो मालगाड़ी रोकी गई थी. हादसे की जानकारी के बाद सीनियर सेक्शन इंजीनियर रेलपथ विकास कुमार घटनास्थल पर पहुंचे थे. उधर, पूरे मामले की जांच डीआरएम संजय त्रिपाठी ने शुरू कराई है. यहां पर लोको पायलट और गार्ड के बयान को ध्यान में रखते हुए कार्रवाई होगी. रेलवे अधिकारियों का कहना है कि मगरवारा के पास पीक्यूआरएस मशीन का इंजन बेपटरी हो जाने से कानपुर-लखनऊ रेल रूट बाधित रहा. शाम करीब साढ़े चार बजे तक रेल रूट बहाल हो सका था. उधर, हादसे को लेकर ट्रेन के लोको पायलट व गार्ड के बयान दर्ज किए गए हैं.