ABC News: अगले सप्ताह भाजपा में शामिल होकर राजनीति में कदम रखने जा रहे ई श्रीधरन ने शुक्रवार को कहा कि उनका मुख्य लक्ष्य केरल में पार्टी को सत्ता में लाना है और पार्टी के जीतने पर वह मुख्यमंत्री पद संभालने के लिए तैयार रहेंगे. उन्होंने कहा कि यदि भाजपा को इस साल अप्रैल-मई में होने वाले विधानसभा चुनाव में जीत मिलती है तो उनका ध्यान बड़े स्तर पर आधारभूत संरचना का विकास करना और राज्य को कर्ज के जाल से निकालना होगा. ‘मेट्रो मैन’ के नाम से मशहूर और आधारभूत ढांचे से जुड़ी बड़ी परियोजनाओं के निर्माण में अपनी कुशलता दिखा चुके श्रीधरन ने पीटीआई-भाषा से कहा कि अगर पार्टी चाहेगी तो वह विधानसभा चुनाव लड़ेंगे और पार्टी कहेगी तो मुख्यमंत्री का पद भी संभाल सकते हैं.
श्रीधरन (88) ने स्पष्ट कर दिया कि राज्यपाल पद संभालने में उनकी कोई दिलचस्पी नहीं है. उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह संवैधानिक पद है और इसके पास कोई शक्ति नहीं है और वह ऐसे पद पर रहकर राज्य के लिए कोई सकारात्मक योगदान नहीं दे पाएंगे. उन्होंने कहा, ‘मेरा मुख्य मकसद भाजपा को केरल में सत्ता में लाना है. अगर भाजपा केरल में चुनाव जीतती है तो तीन-चार ऐसे क्षेत्र होंगे जिस पर हम ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं. इसमें बड़े स्तर पर आधारभूत संरचना का विकास और राज्य में उद्योगों को लाना शामिल है.’ केरल के पोन्नाली में रह रहे श्रीधरन ने फोन पर पीटीआई-भाषा से कहा कि, ‘कर्ज के जाल में फंसे’ राज्य की वित्तीय दशा सुधारने के लिए वित्त आयोग का भी गठन किया जाएगा. उन्होंने कहा, ‘आज राज्य कर्ज के जाल में फंसा है. बहुत सारा उधार है. प्रत्येक मलयाली पर आज 1.2 लाख रुपये का कर्ज है. इसका मतलब है कि हम दिवालिया होने की तरफ बढ़ रहे हैं और सरकार अब भी उधार ले रही है. राज्य की वित्तीय हालत सुधारने की जरूरत है और हम इसका समाधान निकालेंगे.’ भाजपा में श्रीधरन के शामिल होने से राज्य में पार्टी को मजबूती मिल सकती है.
राज्य में पिछले काफी वर्षों से अदल-बदल कर वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) और कांग्रेस नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) का शासन रहा है. श्रीधरन ने कहा, ‘अगर भाजपा चाहेगी तो मैं (विधानसभा) चुनाव लड़ूंगा.’ उन्होंने कहा कि सत्ता में आने पर अगर पार्टी चाहेगी तो निश्चित तौर पर वह मुख्यमंत्री पद संभालने के लिए तैयार रहेंगे. उन्होंने कहा, ‘अगर पार्टी चाहेगी तो मुख्यमंत्री पद संभाल सकता हूं. आपको मैं साफ-साफ बताना चाहूंगा कि बिना मुख्यमंत्री पद संभाले इन प्राथमिकताओं को हासिल नहीं कर पाऊंगा.’ श्रीधरन के औपचारिक तौर पर 25 फरवरी को भाजपा में शामिल होने की संभावना है. किस वजह से भाजपा से जुड़ने का फैसला किया, यह पूछे जाने पर श्रीधरन ने कहा कि वह चाहते हैं कि केरल के लोगों को फायदा हो क्योंकि यूडीएफ और एलडीएफ राज्य का वास्तविक विकास करने में सक्षम नहीं है. उन्होंने कहा, ‘मैंने अलग कारण से भाजपा को चुना है…केरल में दोनों गठबंधन यूडीएफ और एलडीएफ अदल-बदल कर सत्ता में आते रहे हैं…वे राज्य का वास्तविक विकास नहीं कर पाए. पिछले 20 साल में राज्य में एक भी उद्योग नहीं आया है.