ABC NEWS: माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी पर वसंत पर्व का उल्लास शहर में भी चरम पर है. रेवती नक्षत्र में वसंतोत्सव में ज्ञान की देवी मां सरस्वती का पूजन कर लोगों ने विद्या और बुद्धि की कामना की. ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक वसंत पंचमी पर कालखंड व्यावसायिक दृष्टि से सर्वोत्तम है.
पद्मेश इंस्टीट्यू ऑफ वैदिक साइंसेस के संस्थापक अध्यक्ष पंडित केए दुबे पद्मेश ने बताया कि रेवती नक्षत्र में वसंतोत्सव में विधि-विधान से पूजन और पीले पुष्प अर्पित करने से ज्ञान की देवी मां सरस्वती जल्द ही प्रसन्न होती हैं और मनोकामनाओं को पूर्ण करती हैं. वसंत पंचमी के दिन शुक्र अस्त होगा और बृहस्पति व शनि का उदय हो रहा है. इसके चलते व्यावसायिक दृष्टि से यह कालखंड सर्वोत्तम है. शिक्षा के लिए विद्यार्थी मां का स्मरण कर माता सरस्वती के मंत्रों का जाप करें.
धूनी ध्यान केंद्र के आचार्य अमरेश मिश्र ने बताया कि वसंत पंचमी के दिन व्यक्ति को स्नान आदि से निवृत होने के बाद पीले वस्त्र धारण कर मां सरस्वती का विधि विधान पूजन करें. मां को पीले पुष्प, पीले रंग की मिठाई या खीर व कढ़ी का भोग जरूर लगाना चाहिए. विद्यार्थियों को पीले चंदन या केसर का टीका जरूर लगाना चाहिए। वसंत पंचमी को ज्ञान पंचमी या श्री पंचमी भी कहते हैं.आज के दिन सरस्वती पूजा के अतिरिक्त भगवान विष्णु तथा कामदेव व देवी रति का पूजन भी शुभ होता है. वसंत पंचमी में गुप्त नवरात्र का परम सिद्धि योग भी पड़ रहा है. विद्यार्थियों को पीपल के पत्ते पर चंदन और शहद से ऊं सरस्वत्यै नमः लिखकर अर्पित करना चाहिए. ऐसा करने से सिद्धि, विद्या व धन-धान्य की प्राप्ति होती है.