ABC News: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने कांग्रेस और बीजेपी पर अपने संवैधानिक दायित्वों से मुंह मोड़ने का आरोप लगाते हुए मंगलवार को कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ होता तो देश में इतनी गरीबी, बेरोजगारी और पिछड़ापन नहीं होता. मायावती ने 72वें गणतंत्र दिवस पर देशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि इस दिन को सिर्फ रस्म अदायगी के तौर पर मनाने के बजाय इस मौके पर देश के गरीबों, किसानों और मेहनतकश कमजोर तबकों ने अपने जीवन में अब तक क्या खोया और पाया, इसका आकलन भी किया जाना चाहिए.
गणतंत्र दिवस पर सभी को हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं। यही वह समय है जब निष्पक्षता से समीक्षा व आकलन हो कि देश की आजादी के बाद इसके लोकतंत्र व गणतंत्र का यहाँ के करोड़ों गरीबों आदि के जीवन में सुख-शान्ति, समृद्धि व आपेक्षित बेहतरी हेतु अबतक कितनी ईमानदारी व निष्टा से काम किए गए हैं।
— Mayawati (@Mayawati) January 26, 2021
मायावती ने कहा कि साल 1950 में देश का संविधान लागू हुआ “तबसे लेकर अबतक का देश का इतिहास यह साबित करता है कि यहां पहले चाहे कांग्रेस पार्टी की सरकार रही हो या फिर अब बीजेपी की, दोनों ने ही मुख्य तौर पर अपने असली संवैधानिक दायित्वों से काफी हद तक मुंह मोड़ा है. वरना देश अभी तक गरीबी, बेरोजगारी और पिछड़ेपन से इतना ज्यादा पीड़ित और त्रस्त क्यों बना रहता?” उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा “वैसे तो यह देश बाबा साहेब डॉक्टर अम्बेडकर के मानवतावादी संविधान देने के लिए उनका हमेशा ही ऋणी रहा है लेकिन उनके समतामूलक संवैधानिक आदर्शों और सिद्धान्तों पर अमल करने का मामला काफी ढुलमुल ही रहा है. इसके लिए केन्द्र व राज्यों में ज्यादातर रहीं कांग्रेस और बीजेपी की सरकारें ही ज्यादा दोषी मानी जाएंगी. ये दोनों ही दल समतामूलक मानवीय समाज व देश बनाने के मामले में जग-जाहिर तौर पर हमेशा एक ही थैली के चट्टे-बट्टे रहे हैं.” बसपा प्रमुख ने कहा “इस देश की असली जनता ने लाचार, मजबूर व भूखे रहकर भी देश के लिए हमेशा कमरतोड़ मेहनत की है फिर भी उनका जीवन सुख-समृद्धि से रिक्त है जबकि देश की सारी पूंजी कुछ मुट्ठीभर पूंजीपतियों व धन्नासेठों की तिजोरी में ही सिमट कर रह गई है. देश में करोड़ों गरीबों और चन्द अमीरों के बीच दौलत की खाई लगातार बढ़ती ही जा रही है, जो खासकर भारत जैसे महान संविधान वाले देश के लिए अति-चिन्ता के साथ-साथ बड़े दुःख की भी बात है.”
बी.एस.पी. का केन्द्र सरकार से पुनः अनुरोध है कि इनको आन्दोलित किसानों की माँगों में से खासकर तीन कृषि कानूनों को जरूर वापस ले लेना चाहिए, ताकि कल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर किसी नई परम्परा की शुरूआत न हो तथा न ही दिल्ली पुलिस के संदेह के मुताबिक कोई गलत व अनहोनी हो सके।
— Mayawati (@Mayawati) January 25, 2021
मायावती ने कहा “आज दिल्ली में अलग-अलग सीमाओं पर ट्रैक्टर परेड करके अनोखे तौर पर गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा है. हालांकि सरकार से मेरी लगातार अपील रही है कि वह किसानों की खासकर तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को मान ले और फिर किसानों से आवश्यक सलाह-मशविरा करके नया कानून जरूर ले आए तो बेहतर होता. यह बात समय से केन्द्र सरकार अगर मान लेती तो आज गणतंत्र दिवस पर जो एक नई परम्परा की शुरूआत हुई है, उसकी नौबत नहीं आती.”