ABC News: शहरकाजी मौलाना रियाज अहमद हशमती का मंगलवार सुबह तड़के इंतकाल हो गया. वे काफी दिनों से बीमार चल रहे थे. उन्होंने सुबह 3.14 बजे नई मस्जिद बाबूपुरवा में आखिरी सांस ली. उनकी नमाज ए जनाजा रात को इशाा की नमाज के बाद बगाही कब्रिस्तान में होगी, वहीं उनको सिपुर्द-ए-खाक किया जाएगा. मरहूम शहरकाजी 84 वर्ष के थे.
वे अपने पीछे छह बेटियां व एक बेटे को छोड़ गए हैं.शहरकाजी मौलाना रियाज अहमद हशमती के इंतकाल की खबर पर हर तरफ दुख की लहर दौड़ गई. उनके इंतकाल की खबर सुनकर बाबूपुरवा स्थित उनके घर पर सुबह से शाम तक लोगों के पहुंचने का तांता लगा रहा. शहरकाजी मौलाना रियाज अहमद हशमती नई मस्जिद में बने अपने हुजरे (कमरे) में ही रहा करते थे. सूफी लाल मोहम्मद ने बताया कि रात उन्होंने इशा की नमाज अदा की। खाना खाने के बाद आराम करने लगे. रात दो बजे उनकी तबीयत खराब हुई और 3.14 बजे उनका इंतकाल हो गया.