ABC NEWS: देश में कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ शुरू किए गए दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव मनोहर अगनानी और जेएस मंदीप भंडारी ने प्रेस वार्ता को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कोविड-19 अभियान की शुरुआत की. इस अभियान का पहला दिन सफल रहा. विश्व के सबसे बड़े टीकाकरण कार्यक्रम को देश भर में सभी कोरोना वैक्सीनेशन सेशन साइट्स पर टीकों पर रसद की पर्याप्त मात्रा सुनिश्चित की गई. टीकाकरण के लिए दो प्रकार के टीके की सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में आपूर्ति की गई. सरकार की ओर से टीकाकरण अभियान के पहले दिन 3 लाख लोगों को टीका लगाने का लक्ष्य रखा गया था.
#WATCH Health Ministry press briefing following COVID19 vaccination rollout (16 Jan) https://t.co/WRacmF5QtE
— ANI (@ANI) January 16, 2021
कोवैक्सीन (भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड) ने 12 राज्यों को आपूर्ति की. इस टीकाकरण अभियान में 16,755 लोग शामिल हुए. 165714 लोगों का आज टीकाकरण किया गया.सरकार की ओर से टीकाकरण अभियान के पहले दिन 3 लाख लोगों को टीका लगाने का लक्ष्य रखा गया था.स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि बिहार में 16 हजार 401 लोगों को टीका लगा तो वहीं दिल्ली में 3403, गुजरात में 8557 लोगों को टीका लगाया गया. उत्तर प्रदेश 15 हजार 975 लोगों को कोरोना की वैक्सीन लगाई गई.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि टीकाकरण अभियान का पहला दिन सफल रहा. अब तक टीकाकरण के बाद अस्पताल में भर्ती होने का कोई मामला सामने नहीं आया है. सरकार ने महामारी को मात देने के लिए पहला कदम उठाया है जिसके तहत देशभर के स्वास्थ्य केंद्रों पर टीकाकरण की शुरुआत हो गई है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि शनिवार शाम 5:30 बजे तक पूरे देश में 1,65,714 लोगों को कोविड वैक्सीन का टीका लगाया गया था.
पहले दिन 3351 सत्र में टीकाकरण का कार्यक्रम संपन्न किया गया. इस महाअभियान में दोनों वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा है. कोविशिल्ड की आपूर्ति सभी राज्यों में की गई है जबकि कोवैक्सीन केवल 12 राज्यों में भेजी गई है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपनी प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि चूंकि यह टीकाकरण का पहला दिन था इसलिए कुछ समस्याएं भी सामने आईं. कुछ स्थानों पर लाभार्थी सूची अपलोड करने में देरी हुई… मंत्रालय ने बताया कि पहले दिन देशभर में कुल 16,755 कर्मचारियों ने इस महाभियान में मदद की.