ABC NEWS: 104 पूर्व ब्यूरोक्रेट्स (Former Bureaucrats) ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) को पत्र लिखकर धर्मांतरण कानून (Anti Love Jehad Law) के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए उसे वापस लेने की मांग की है. लव जिहाद कानून को अवैध बताते हुए इसकी वजह से पीड़ित लोगों को मुआवजे की भी मांग की गई है. साथ ही पूर्व नौकरशाहों ने कहा है कि इस कानून की वजह से यूपी की गंगा जमुनी तहजीब को चोट पहुंची है और समाज में सांप्रदायिकता का जहर फैला है.
पूर्व ब्यूरोक्रेट्स ने अपने पत्र में मुरादाबाद के पिंकी प्रकरण का जिक्र भी किया है. पत्र में कहा गया है कि पिंकी ने अपनी मर्जी से राशिद से शादी की, लेकिन जब वह अपने शादी को पंजीकृत कराने जा रही थीं तो बजरंग दल के लोगों ने उन्हें रोक लिया और मारपीट की. इस दौरान पुलिस मूकदर्शक बनी रही. इतना ही नहीं राशिद और उसके भाई को जेल भेज दिया गया और पिंकी को शेल्टर हाउस. पत्र में आगे लिखा गया कि इस दौरान पिंकी का गर्भपात भी हो गया. उन्होंने आरोप लगाया कि यह गर्भपात नहीं, बल्कि एक अजन्मे बच्चे की हत्या थी. पिंकी द्वारा कोर्ट में दिए गए बयान के बाद उन्हें छोड़ा गया. यह पूरी तरह से कानून का दुरुपयोग था, क्योंकि जब दोनों ने जुलाई में शादी की थी तो यह कानून नहीं आया था.
लोगों को मर्जी से जीवनसाथी चुनने का अधिकार
पत्र में आगे कहा गया है कि यह एक वारदात है, जिसके तहत एक आजाद देश में रहने की आजादी का हनन है. उन्होंने आगे लिखा कि वे किसी पॉलिटिकल पार्टी से नहीं जुड़े हैं, लेकिन संविधान द्वारा भारत की परिकल्पना को लेकर संकल्पबद्ध हैं. पत्र में यह भी कहा गया है कि कई अवसरों पर हाई कोर्ट भी यह कह चुका है कि दो बालिग़ लोग अपनी मर्जी से रहने और जीवनसाथी चुनने को स्वतंत्र हैं, लेकिन नया कानून इस आजादी में दखलंदाजी है. इसकी आड़ में पुलिस सरकार के लोगों के साथ मिलकर तानाशाह हो रही है.