ABC News: कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को देखते हुए केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने जनवरी-फरवरी में CBSE बोर्ड की परीक्षाएं न कराने का फैसला लिया है. केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेशन पोखरियाल निशंक ने ये घोषणा की है. परीक्षा की तारीखों को लेकर बाद में ऐलान किया जाएगा.
No Board examinations will be conducted in January or February. A decision on the conduct of examinations will be taken later: Union Education Minister Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank pic.twitter.com/83dappAdOZ
— ANI (@ANI) December 22, 2020
केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने आज यहाँ शिक्षा संवाद के 22वें संस्करण के तहत शिक्षकों के साथ लाइव इंटरैक्शन में ऑनलाइन शिक्षा, बोर्ड परीक्षा, प्रवेश परीक्षा, मूल्यांकन के स्वरुप, शिक्षकों की ट्रेनिंग और शिक्षा संबंधी अन्य मुद्दों पर विस्तृत बातचीत की. इस शिक्षा संवाद में देश भर के हज़ारों शिक्षकों ने हिस्सा लिया और शिक्षा संबंधी विभिन्न मुद्दों पर कई सवाल किए गए. केंद्रीय मंत्री ने यहां पर विश्वविद्यालयों की परीक्षा, मानसिक स्वास्थ्य एवं कल्याण जैसे मुद्दों पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि मैं हमेशा से ही शिक्षकों के साथ बातचीत करने, उनकी आशाओं और आकांक्षाओं को समझने और उसके अनुसार काम करने के लिए उत्सुक रहा हूं. जब मैं शिक्षकों की बात करता हूं, तो मैं एक शिक्षक के रूप में अपने प्रारंभिक वर्षों की याद ताजा करता हूं. मुझे याद है कि मैं और मेरे सहयोगी अपने छात्रों को सर्वश्रेष्ठ ज्ञान देने के लिए सदैव तत्पर रहते थे. उन्हें अपने जीवन में प्रगति करते देखना अभी भी एक बहुत ही खूबसूरत एहसास है. शिक्षकों में पाया जाने वाला पैशन और कंपैशन अप्राप्य है और यही कारण है कि एक शिक्षक अपनी भूमिका से कभी सेवानिवृत्त नहीं हो सकता.”
I received a lot of requests from various #students & #teachers to postpone @cbseindia29 board #exams for Class 10 & 12. Keeping the #COVID19 pandemic in mind & after various consultations, we have decided that #board exams will not be held in February. pic.twitter.com/CSGmYvYaYc
— Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) December 22, 2020
इस महामारी के दौर में शिक्षकों की भूमिका की प्रशंसा करते हुए डॉ निशंक ने कहा, “मल्टी मॉडल लर्निंग के विकास को देखते हुए मेरा मानना है कि शिक्षकों की भूमिका भी बदल रही है और हमारे शिक्षक इस नई भूमिकाओं के निर्वहन में कामयाब भी हो रहे हैं. शिक्षक की भूमिका अब सोर्स ऑफ नॉलेज से हट कर प्रोसेस ऑफ नॉलेज क्रिएशन की ओर बढ़ रही है. शिक्षकों की बदलती भूमिकाओं के साथ,राष्ट्रीय शिक्षा नीति का सुझाव है कि शिक्षकों को सुधार के लिए और अपने कार्यक्षेत्र में नवीनतम नवाचारों को सीखने के लिए निरंतर अवसर दिए जाएंगे. इन्हें स्थानीय, क्षेत्रीय, राज्य, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कार्यशालाओं के साथ-साथ ऑनलाइन शिक्षक विकास मॉड्यूल के रूप में कई तरीकों से सशक्त और क्षमतावान बनाया जाएगा. प्रत्येक शिक्षक से यह अपेक्षा की जाएगी कि वे अपने स्वयं के व्यावसायिक विकास के लिए हर साल कम से कम 50 घंटे के सीपीडी अवसरों में भाग लें, जो उनके स्वयं के हितों से प्रेरित हों.” इसके अलावा केंद्रीय मंत्री ने बताया कि उत्कृष्ट राष्ट्रीय/सेवानिवृत्त संकाय सदस्यों के एक बड़े पूल के साथ – भारतीय भाषाओं में पढ़ाने की क्षमता रखने वाले लोगों के लिए एक राष्ट्रीय मेंटरिंग मिशन की स्थापना की जाएगी जो शिक्षकों को रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफार्म करने में सक्षम बनाएगी. उन्होनें शिक्षकों से कहा कि आप न केवल पढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग कर सकते हैं, बल्कि छात्रों से जुड़ने के लिए भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति एक नए शिक्षा प्रतिमान विकसित करेगी. यह भारत की अगली पीढ़ी को प्रतिस्पर्धी लाभ भी देगी तथा भारत को फिर से विश्वगुरु बनने में सक्षम भी बनाएगी. इस नीति के आप सभी ब्रांड एंबेसडर हैं और यह आपके द्वारा और आपके लिए ही बनाई गई है. अब हम सबको मिलकर इस नीति को सफल बनाना है. इसके लिए विचार-विमर्श, संवाद/डिस्कशन की प्रक्रिया और ऐसे प्लेटफार्म को हम सदैव जारी रखेंगे.” इसके अलावा शिक्षकों द्वारा ऑनलाइन शिक्षा, बोर्ड परीक्षा, प्रवेश परीक्षा, मूल्यांकन के स्वरुप, शिक्षकों की ट्रेनिंग और शिक्षा संबंधी अन्य मुद्दों पर पूछे गए सवालों का भी जवाब दिया. उन्होनें यह भी बताया कि शिक्षकों की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण के बाद कई बाइट-आकार के मॉड्यूल भी तैयार किए गए और उनका प्रचार-प्रसार किया गया और केवीएस में शिक्षा और प्रशिक्षण के जोनल संस्थानों द्वारा आयोजित ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रमों में विभिन्न शिक्षण प्लेटफार्मों के उपयोग, विभिन्न ई-संसाधनों के विकास और उपयोग और छात्रों के ऑनलाइन मूल्यांकन पर ध्यान केंद्रित किया गया.