ABC News : पाकिस्तान पिछले एक सप्ताह से जम्मू-कश्मीर को दो भागों में बांटे जाने के मामले को अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाने की कोशिश कर रहा है. हालांकि, वह खुद पिछले 70 वर्षों में कश्मीर के एक हिस्से में इस तरह के कई कदम उठा चुका है. कश्मीर का यह हिस्सा 1949 से ही अवैध रूप से पाकिस्तान के कब्जे में है. इस हिस्से को पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) के नाम से भी जाना जाता है.
पाकिस्तानी प्रशासन के मॉडल से वाकिफ सूत्रों ने बताया कि पीओके पर 1949 में अवैध रूप से कब्जा हासिल करने के दो साल बाद ही पाकिस्तान ने उसे दो अलग प्रशासनिक जोन में बांट दिया था. इसके एक हिस्से का नाम उसने कथित ‘आजाद कश्मीर’ और दूसरे हिस्से का नाम ‘फेडरली एडमिनिस्ट्रेड नॉर्दर्न एरिया’ रखा था.
बंटवारे से पहले जम्मू-कश्मीर राजघराने ने 1927 में स्टेट सब्जेक्ट रूल बनाया था, जिसके तहत अन्य राज्यों के निवासियों को जम्मू-कश्मीर में बसने पर रोक थी. हालांकि, पाकिस्तान ने गिलगिट-बाल्टिस्तान में बाहरी लोगों को बसाने के लिए इस आदेश को निरस्त कर दिया. सूत्रों ने बताया कि उसने ‘आजाद कश्मीर’ में भी ऐसे ही कदम उठाए हैं.
इसके अलावा पाक अधिकृत कश्मीर के अवैध कब्जे में होने के बावजूद इसके एक हिस्से को चीन को सौंप दिया गया है, जो चीन-पाकिस्तान-इकनॉमिक कॉरिडोर सहित कई इंफ्रास्ट्रक्चर प्रॉजेक्ट पर काम कर कर रहा है. 27 अक्टूबर 1947 को इंस्ट्रूमेंट ऑफ एक्सेशन के तहत जम्मू-कश्मीर का भारत में विलय हुआ था. भारत में शामिल अन्य करीब 540 रियासतों ने भी इसी तरह इंस्ट्रूमेंट ऑफ एक्सेशन पर साइन किए थे.
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